BSc Me Kitne Subject Hote Hai?- विज्ञान से स्नातक करने के लिए कई विद्यार्थी इंटरमीडिएट की परीक्षाएं उत्तीर्ण करने के बाद हायर कोर्सेज के बारे में सर्च करने लगते हैं । इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए विभिन्न यूनिवर्सिटीज द्वारा एंट्रेंस एग्जाम भी कराए जाते हैं तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी नेशनल एंट्रेंस एग्जाम आयोजित कराया जाता है। इस लेख में हम आपको बीएससी के सब्जेक्ट तथा इस कोर्स के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे।
B.Sc का फुल फॉर्म बैचलर इन साइंस होती है। इस डिग्री कोर्स को देश के सभी राजकीय तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रदान कराते हैं। इसके अतिरिक्त इस डिग्री कोर्स को विभिन्न महाविद्यालय भी कराते हैं। यह महाविद्यालय किसी न किसी राजकीय अथवा केंद्रीय यूनिवर्सिटीज से सम्बद्ध होते हैं। सभी यूनिवर्सिटी तथा कॉलेज द्वारा इस डिग्री कोर्स को 3 वर्षों में संपन्न कराया जाता है।
BSc Me Kitne Subject Hote Hai?
इंटरमीडिएट करने के बाद बैचलर ऑफ साइंस अर्थात बीएससी की डिग्री को मुख्य रूप से दो स्ट्रीम में विभाजित कर दिया जाता है। इनके बारे में आपको नीचे विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे ।
Maths stream
जो भी विद्यार्थी इंटरमीडिएट में गणित का विषय लेकर इंटरमीडिएट की परीक्षा अपडेट करते हैं उनके लिए मुख्य रूप से बीएससी की डिग्री में फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ कंप्यूटर साइंस स्टैटिसटिक्स आदि विषयों को चयन करने का विकल्प दिया जाता है।
Biology stream
इंटरमीडिएट की परीक्षाएं जो विद्यार्थी बायोलॉजी विषय के साथ उत्तीर्ण करते हैं उनके लिए बीएससी की डिग्री कोर्स में मुख्य रूप से जूलॉजी बॉटनी तथा केमिस्ट्री जैसे विषयों का चयन करना पड़ता है। इसके अलावा बायोलॉजी से इंटरमीडिएट करने वाले छात्र एवं छात्राओं को बीएससी नर्सिंग करने का भी अवसर प्रदान किया जाता है।
अब हम आपको बैचलर ऑफ़ साइंस के विभिन्न विषयों के अंदर आने वाले कोर सब्जेक्ट्स के बारे में टेबुलर फॉर्म में दर्शा रहे हैं –
Specialization | Core Subjects |
BSc Physics | Mechanics, Optics, Electromagnetism, Quantum Mechanics, Thermodynamics, Mathematical Physics, Electronics |
BSc Chemistry | Inorganic Chemistry, Organic Chemistry, Physical Chemistry, Analytical Chemistry, Spectroscopy, Polymer Chemistry |
BSc Mathematics | Calculus, Algebra, Differential Equations, Real Analysis, Complex Analysis, Topology, Number Theory |
BSc Computer Science | Programming Fundamentals, Data Structures, Algorithms, Computer Architecture, Operating Systems, Database Management Systems, Networking |
BSc Biology | Botany, Zoology, Microbiology, Genetics, Biochemistry, Physiology, Ecology, Cell Biology |
BSc Biotechnology | Molecular Biology, Genetics, Biochemistry, Microbiology, Immunology, Cell Culture Techniques, Biotechnology Applications |
BSc Agriculture | Agronomy, Horticulture, Plant Pathology, Soil Science, Entomology, Agricultural Economics, Animal Husbandry |
बीएससी कितने साल की होती है?
देश की विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा राजकीय विश्वविद्यालय एवं उनसे संबद्ध कॉलेज अथवा महाविद्यालय में यह डिग्री 3 वर्षों में प्रदान कराई जाती है। जो संस्थान बीएससी ऑनर्स की डिग्री उपलब्ध कराते हैं वह एक ही विषय को 3 वर्षों तक पढ़ते हैं जिसके कारण उनका उसे विषय में स्पेशलाइजेशन प्राप्त हो जाती है।
वही जो विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय छात्रों को सामान्य बीएससी की डिग्री प्रदान करते हैं उनमें मुख्य रूप से तीन विषयों को चयन किया जाता है जो की अंतिम वर्ष यानी की तृतीय वर्ष में दो विषयों को चुने दिया जाता है तथा एक विषय को छुड़वा दिया जाता है।
बीएससी में कितने सेमेस्टर होते हैं?
बीएससी यानी कि बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री को 3 वर्ष में पूर्ण कराया जाता है। प्रत्येक वर्ष में दो सेमेस्टर का आयोजन कराया जाता है। इस प्रकार बैचलर ऑफ साइंस डिग्री को 3 वर्षों में 6 सेमेस्टरों के माध्यम से संपन्न कराया जाता है।
एक सेमेस्टर में कितने विषय होते हैं?
सामान्य रूप से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री में एक सेमेस्टर में 5 से 6 विषयों को सम्मिलित किया जाता है। कभी-कभी इन विषयों में एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के रूप में अन्य विषय को भी पढ़ाया जाता है जो की न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत आता है।
बीएससी की फीस कितनी है?
केंद्रीय विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री के लिए बेहद ही काम फीस पर प्रवेश मिल जाता है। केंद्रीय विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री को लेने के लिए 5000 से 10000 रुपए प्रति वर्ष के आधार पर प्रवेश मिल जाता है। यह फीस केवल ट्यूशन फीस होती है इसके अलावा हॉस्टल तथा मैस फीस अलग से चार्ज की जाती है। कुल मिलाकर यदि केंद्रीय विश्वविद्यालय में बीएससी की फीस की बात करें तो इस डिग्री में प्रतिवर्ष 30000 से 50000 के बीच खर्चा आ जाता है।
इसकी अतिरिक्त राजकीय विश्वविद्यालय में बीएससी की डिग्री को 10000 से ₹20000 के बीच कराया जाता है। यह फीस प्रति सेमेस्टर या सालाना के आधार पर दी जाती है। यदि सेमेस्टर के आधार पर बात करें तो ₹5000 से ₹6000 के बीच चार्ज की जाती है।
यदि कोई भी छात्र प्राइवेट कॉलेज या यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री हासिल करता है तो उसको 50000 से ₹100000 तक की फीस प्रतिवर्ष देनी पड़ती है।
बीएससी करने के बाद कौन सी जॉब मिलती है?
बीएससी करने के बाद छात्र एवं छात्रों को विभिन्न प्रकार की नौकरियां मिल जाती हैं। इन नौकरियों में खासतौर पर रिसर्च साइंटिस्ट क्लिनिकल रिसर्च स्पेशलिस्ट लैब टेक्नीशियन असिस्टेंट प्रोफेसर लेक्चर बायोटेक्नोलॉजिस्ट जैसे बेहतरीन जोब मिल जाते हैं।
इसके अतिरिक्त बीएससी करने के बाद कोई भी छात्र छात्रा यूपीएससी की तैयारी करके आईएएस आईपीएस आदि बनसकता है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे आईबीपीएस एसएससी सीजीएल एसएससी सीएचएसएल सीड्स आदि में तैयारी करके इन क्षेत्रों में भी अपना बेहतरीन करियर बना सकता है।
बीएससी में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा है?
सामान्य रूप से बैचलर ऑफ साइंस अथवा बीएससी करने के लिए कंप्यूटर साइंस का विषय सबसे अच्छा माना जाता है इसका मुख्य कारण इस विषय में से बीएससी करने के बाद करियर में काफी अच्छी प्लेसमेंट मिलने के अवसर रहते हैं।
बीएससी करने के क्या फायदे हैं?
बैचलर ऑफ़ साइंस अर्थात बीएससी करने के बाद कोई भी छात्र-छात्रा शिक्षा के क्षेत्र में अपना कैरियर बन सकता है। यदि कोई छात्र या छात्र रिसर्च के क्षेत्र में जाना चाहता है तो इसके बाद एमएससी कर सकता है और इसके बाद रिसर्च के क्षेत्र में एचडी जैसे उच्च स्तरीय प्रोग्राम को कर सकता है। किसी भी विषय में पीएचडी करने के बाद वह किसी भी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर या साइंटिस्ट के पद पर नियुक्त हो सकता है।
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