DOTT Course Kya Hai: काफी छात्र एवं छात्राएं मेडिकल फील्ड में अपना करियर बनाने का प्रयास करते है। मेडिकल के फील्ड में काफी कोर्स है जिनके माध्यम से आप इस फील्ड में काफी बेहतरीन करियर बना सकते है। इन्ही कोर्सेज में से एक DOTT कोर्स को माना जाता है। वैसे इस कोर्स को काफी काम लोगों के बीच में जानकारी है।
आज के दौर में सभी MBBS करना चाहते है परन्तु जो छात्र पढ़ने में थोड़े कमजोर है MBBS नहीं कर पाते हैं तो उनके लिए इस कोर्स से अच्छा कोई विकल्प शायद ही होगा। इस कोर्स को कम्पलीट करने के बाद एक तरह से आप डॉक्टर के असिस्टेंट बन जाते है तथा ऑपरेशन थिएटर की जिम्मेदारी पूरी तरह से आपकी होती है। यह एक वेहद संवेदनशील कार्य होता है।
डॉट कोर्स का मतलब क्या होता है?। DOTT Course Kya Hai?
DOTT कोर्स एक पैरामेडिकल साइंस कोर्स होता है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि जब कोई भी ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन किया जाता है तब ऑपरेशन से संबधित जो भी तैयारियां होती है उसका जिम्मेदार ऑपरेशन टेक्निशन होता है। इस कोर्स को काफी मेडिकल संस्थानों द्वारा कराया जाता है।
डॉट फुल फॉर्म क्या है?
DOTT कोर्स की फुल फॉर्म डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी (Diploma In Operation Theatre Technology) होती है। इस डिप्लोमा कोर्स को करने से आप अपने करियर को काफी बेहतरीन बना सकते है। इस कोर्स को करने के बाद आप के पास जॉब्स की कोई कमी नहीं रहेगी।
ओटी कोर्स कितने साल का होता है?
DOTT कोर्स को भारत के विभिन्न मेडिकल कॉलेजेस द्वारा दो वर्ष की अवधि में संपन्न कराया जाता है। इस कोर्स को आसानी से किसी भी सरकारी या प्राइवेट मेडिकल इंस्टिट्यूट से किया जा सकता है।
ओटी टेक्नीशियन की फीस कितनी होती है?
भारत में DOTT कोर्स को करने के लिए दो वर्ष में लगभग चालीस हज़ार की फीस लगती है। इस कोर्स के प्रथम वर्ष में बीस हज़ार रुपये तथा दूसरी साल में भी बीस हज़ार रुपये की फीस लगती है। यह फीस केवल टूशन फीस होती है। इसके अतिरिक्त हॉस्टल फीस, लांड्री फीस आदि आपको अलग से देनी होगी।
ओटी टेक्नीशियन कैसे बने?
ओटी टेक्नीशियन बनने के लिए आपको DOTT कोर्स में भारत के किसी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना पड़ेगा। इस कोर्स की अवधि दो वर्ष होती है। इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए आपके अस बायोलॉजी से इंटरमीडिएट होना अनिवार्य होता है। दो वर्ष के इस पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के बाद आपको किस भी हॉस्पिटल में ओटी टेक्नीशियन बनने का अवसर मिल जायेगा।
ओटी नर्स का क्या काम है?
किसी भी हॉस्पिटल में ऑपरेशन थिएटर में होने वाले विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन्स या सर्जरी में डॉक्टर की सहायता के लिए ओटी नर्स का कार्य ऑपरेशन टेबल को तैयार करना, रोगी की देखभाल करना, एनेस्थिसिआ टेबल को तैयार करना, आदि महत्वपूर्ण कार्य होते है। यह एक वेहद संवेदनशील कार्य होता है।
ओटी टेक्नीशियन के लिए कौन सा कोर्स बेस्ट है?
यदि आप ओटी तकनीशियन बनना चाहते है तो आपके लिए डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी (Diploma In Operation Theatre Technology) सबसे बेस्ट कोर्स होगा। इस कोर्स को करने के बाद आप सीधे किसी भी अस्पताल में ओटी टेक्नीशियन के पद पर आवेदन कर सकते है। कई मेडिकल कॉलेज में इस कोर्स को करने के बाद सीधे देश की बड़े हॉस्पिटल्स द्वारा प्लेसमेंट भी कर लिया जाता है। इस कोर्स को दो वर्ष की अवधि में किया जा सकता है।
ओटी टेक्नीशियन में कौन कौन से सब्जेक्ट होते हैं?
डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी (DOTT कोर्स) दो वर्ष की अवधि वाला पाठ्यक्रम होता है इस कोर्स में प्रत्येक वर्ष दो सेमेस्टर होते है। इस तरह से दो वर्ष में चार सेमेस्टर होते है। अभ्यर्थियों को चारो सेमेस्टर में अच्छे अंक लाना अनिवार्य होता है अन्यथा आपको इस कोर्स से पुरस्कृत नहीं किया जायेगा।
DOTT कोर्स अवधि – 02 वर्ष
कुल सेमेस्टर – 04 सेमेस्टर
श्री सीताराम गोस्वामी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल साइंसेज, अयोध्या में DOTT कोर्स में निम्न सब्जेक्ट्स पढ़ाये जाते है। इसी तरह से सभी मेडिकल कॉलेजेस में कुछ अलग सब्जेक्ट्स हो सकते है। संकेत के तौर पर आपको DOTT कोर्स के सब्जेक्ट्स के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है-
Subjects In First Year
- Basic Surgery
- Basic Anesthesia Equipment and drugs
- Surgical Equipment and Machinery
- Post Anesthesia Care Unit
- Fundamentals of Computer Science
- Clinical Practical Training
- Advanced OT instrument Care and Maintenance
- Hospital Training
Subjects In Second Year
- Basic Surgery, Surgical Equipment and Machinery
- Advanced Anesthesia Technology
- Basic Anesthesia Technology
- Applied Anesthesia Technology
- Environmental And Biomedical Waste Management
- Hospital Training
ओटी असिस्टेंट की सैलरी क्या है?
डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी कोर्स (DOTT कोर्स) करने के बाद जब आप किसी अस्पताल में OT तकनीशियन के रूप में कार्य करने लगते है तब आपकी सैलरी लगभग 25000 से प्रारम्भ होती है। यह सैलरी आपके एक्सपीरियंस के साथ-साथ बढ़ती रहती है। हालाँकि आपकी सैलरी काफी हद तक अस्पताल की गुडवत्ता पर भी निर्भर करती है।
जैसे यदि आप किसी रेपुटेड हॉस्पिटल में OT तकनीशियन के रूप में कार्य करते है तो शायद आपको अधिक सैलरी मिले वही यदि आप किसी छोटे अस्पताल में OT तकनीशियन के रूप में कार्य करते है तो सैलरी कम भी मिल सकती है। इस प्रकार से आप DOTT कोर्स को करने के बाद आसानी से 20000 रुपये से लेकर 35000 रुपये प्रति माह कमा सकते है।
हॉस्पिटल में OT का स्कोप कितना होता है?
देश के किसी भी हॉस्पिटल में सभी लोगों का कार्य महत्वपूर्ण होता है। परन्तु यदि बात ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन के जॉब रोले की बात करे तो यह बेहद जिम्मेदारी भरा तथा संवेदनशील कार्य होता है। जब हॉस्पिटल में कोई भी ऑपरेशन होता है तो ऑपरेशन थिएटर में सभी जरुरी चीज़ो का ध्यान रखना ऑपरेशन तकनीशियन का कार्य होता है।
भविष्य में इस तरह के जॉब्स कभी खत्म नहीं होंगे। इसकी मुख्य वजह यही है कि ऑपरेशन्स लगभग हमेशा होते रहते है और ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन का स्कोप हमेशा बना रहेगा।
ओटी टेक्नीशियन के बाद क्या करें?
दो वर्षीय डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी (DOTT कोर्स) को करने के बाद आप पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते है। इस कोर्स को करने के बाद आप M.Sc. Operation Theatre Technology भी कर सकते है।
निष्कर्ष
यदि आप ऑपरेशन से सम्बंधित चीज़ो में उत्सुक रहते है, किस तरह से ऑपरेशन होता है, कोई भी अंग कैसे कार्य करता है, आदि चीज़ो को जानना अच्छा लगता है तो आप ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन बन सकते है। इस कार्य को करते हुए आप शरीर की भीतरी तथा बाहरी संरचना को आसानी से समझ सकेंगे। इसी तरह से यदि आप इसी फील्ड में आगे बढ़ना चाहते है तो आप पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी कर सकते है।
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